16 नवंबर 2014

नीम की पत्तियां और हवा

नीम के दरख़्त की
पत्ती-पत्ती पर फिसलती हवा ने
उसके हरेपन को 
और भी गाढ़ा कर दिया
देखो
कैसे धूप में चमक रही हैं
दरख़्त की दबी हुई खिलखिलाहटें
हवा से कहो
थोड़ी देर और ठहर जाए
अभी पूरी तरह लौटी नहीं
नीम के दरख़्त की खोई हुई मिठास
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दिलीप शाक्य

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